तुझको संसार-सार तेरी ही धड़कनें सिखाएँगी बार-बार । साँसों के पास बैठ साँसों की बात सुन तेरी सीमाओं में गूँजेगी एक धुन धुन के अनखुले अर्थ गुनता जा लगातार । बड़ी कष्टदायी है अन्तर-आराधना सहज नहीं भीतर की भाषा को साधना सिद्धा है, जड़ता को कर देगी तार-तार ।