भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
न हटा / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:32, 5 जनवरी 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=आग का आईना / केदारनाथ अग्रवा...)
न हटा
- बीच में खड़ा समय
न मिले हम और तुम
- समय से बाहर
एक-दूसरे में समाए
अस्तित्व से अघाए
(रचनाकाल : 03.02.1964)