भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक बड़ी-सी नीली चिड़िया / केदारनाथ अग्रवाल

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:44, 28 फ़रवरी 2008 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक बड़ी-सी नीली चिड़िया,

पंख पसारे,

उड़ने से मज़बूर है,

नील गगन से दूर है !

गहरी नीली आँख बड़ी-सी,

पलकें खोले,

मुंदने से मज़बूर है ।

आँसू से भरपूर है ।