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नादींदी / राजू सारसर ‘राज’

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खेत री डोळी माथै
केसरिया चूंदड ओढ्यौड़ै
मधरै-मधरै मुळकतै
रोहिडै री बुकळ में
मिमणियों उंचायां
छाती सूं चिपायां
हरये गांवां री क्यारी में
मन रा कोडिला मोद
अळूझ पडै बा’रै
नाचण रै मिस।
उण बेळा
लाज रो डर
नीं आवै नेड़ौ
बे जींवता खिण,
जीवण रो सौभाग
किणनैं मिलै
जिका थूं जी लिया
म्हारी गांवई गोरड़ी
म्हारी सो’ळा साल री
भावना
घणां ई कोड सूं
घणां ई मोद सूं।