Last modified on 25 फ़रवरी 2015, at 22:51

तू आभौ.. / संजय आचार्य वरुण

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:51, 25 फ़रवरी 2015 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तू एक आकास हौ
मतलब आभौ
घणौ लाम्बौ चवड़ौ
अणूतो फैलाव लियोड़ौ
जठीनै देखां
बठीनै तू, फगत तू
म्हैं थनै देख देख’र
करतौ अचूम्भौ
आज भी हुवै
घणौ इचरज
के इतरी बडी चीज ने
बणावण आळौ
आप कितरौ बडौ हुसी
कुण जाणें?