भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्रेम की स्मृतियाँ-1 / येहूदा आमिखाई

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: येहूदा आमिखाई  » संग्रह: धरती जानती है
»  प्रेम की स्मृतियाँ-1



छवि


हम कल्पना नहीं कर सकते

कि कैसे हम जियेंगे एक दूसरे के बिना

ऐसा हमने कहा


और तब से हम रहते हैं इसी एक छवि के भीतर

दिन-ब-दिन

एक दूसरे से दूर , उस मकान से दूर

जहाँ हमने वो शब्द कहे


अब जैसे बेहोशी की दवा के असर में होता है

दरवाज़ों का बंद होना और खिड़कियों का खुलना

कोई दर्द नहीं


वह तो आता है बाद में ......