भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
स्वागत गान / चन्द्रमणि
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ३ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:42, 21 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्द्रमणि |संग्रह=रहिजो हमरे गाम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छथि आयल
धन्य-धन्य जागल भाग हे मन कमल फुलायल
मंगल घटसँ द्वारि सजाओल
कंचन दिया बारि हम लाओल
गाँथल हार गुलाब हे हिनका पहिराओल। धन्य .....
कर खाली बेसी अभिलाषा
दूबि-धान पर अगबे आशा
मान बढ़ाबइ पाग हे हिनका सिर राखल। धन्य ......
धनमे धन भावहिटा सम्बल
सुभग सिनेह मनहि मन केवल
बाड़िक अनुपम साग हे भोजनमे साजल
मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छथि आयल। धन्य ....