भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
श्रेष्ठ कवि-बानी रहल / सूर्यदेव पाठक 'पराग'
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ३ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:37, 30 मार्च 2015 का अवतरण
श्रेष्ठ कवि-बानि रहल
ओ के ना शानी रहल
मन के रेगिस्तान में
प्रेम बेपानी रहल
धूर्त लोगन के इहाँ
रोज बा चानी रहल
आज सेवा-भावना
व्यर्थ बेमानी रहल
लोग के नेकी कइल
हाय, नादानी रहल
कम पढ़ल पुरखा सभे
योग्य आ ज्ञानी रहल