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तूतनख़ामेन के लिए-18 / सुधीर सक्सेना
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अभी भी
इतिहास के गलियारे में
घूम रहा है तूतनखामेन
वही दर्प
वही वैभव
वही लावण्य ।
तूतनखामेन तूतनखामेन है
ऎरा-गैरा नहीं,
महान फराओह,
तूतनखामेन ने देखा है अतीत ।
तूतनखामेन जानता है भविष्य ।
तूतनखामेन ने नौ साल थामा है राजदंड ।
तूतनखामेन ने भरे दरबार में
कई बार सुनाया है मृत्युदण्ड ।
यशस्वी सम्राट है तूतनखामेन ।
कुछ भी कर सकता है
आनन-फानन, तुरत-फुरत
मगर,
इतिहास के गलियारे से निकल
काहिरा के बाज़ारों में
चहलक़दमी नहीं कर सकता है
अभागा
तूतनखामेन ।