Last modified on 14 जनवरी 2008, at 19:41

दरशन दीजो आय प्यारे / भजन

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:41, 14 जनवरी 2008 का अवतरण (New page: {{KKBhaktiKavya |रचनाकार= }} दरशन दीजो आय प्यारे तुम बिनो रह्यो ना जाय ॥<br><br> जल बिनु क...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रचनाकार:                  

दरशन दीजो आय प्यारे तुम बिनो रह्यो ना जाय ॥

जल बिनु कमल चंद्र बिनु रजनी वैसे तुम देखे बिनु सजनी ।
आकुल व्याकुल फिरूं रैन दिन विरह कलेजो खाय ॥

दिवस न भूख नींद नहीं रैना मुख सों कहत न आवे बैना ।
कहा कहूँ कछु समुझि न आवे मिल कर तपत बुझाय ॥

क्यूं तरसाओ अंतरयामी आय मिलो किरपा करो स्वामी ।
मीरा दासी जनम जनम की पड़ी तुम्हारे पाय ॥