भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भाजा-दौड़ी / निशान्त
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ३ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:17, 30 अप्रैल 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |संग्रह=धंवर पछै सूरज / नि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
ईं छेकड़ली
उमर में
इत्ती भाजा-दौड़ी
कीं आप री
कीं पारकी
पण लाभ ई तो
म्हैं ई उठाऊँ
जठै ई जाऊँ
कीं न कीं
पाऊँ।