भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ताण / निशान्त
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:19, 4 मई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |संग्रह=धंवर पछै सूरज / नि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
काढ़-काढ़ ठूंड
बणांवतां जमीन
नीं आयो हुसी
ताण इत्तौ,
जित्तौ कै म्हानै आवै है
कोर्ट-कचेड़्यां गेड़ा खाय’र
उण नै आपरै
नांव चढ़ांवतां।