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द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
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द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
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जन्म | 01 दिसंबर 1916 |
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निधन | 29 अगस्त 1998 |
जन्म स्थान | ग्राम रोहता, आगरा, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
क्रौंचवध, सत्य की जीत(खंडकाव्य), दीपक, गीतगंगा, बाल काव्य कृतियॉं: वीर तुम बढे चलो, हम सब सुमन एक उपवन के, सोने की कुल्हाड़ी, कातो और गाओ, सूरज सा चमकूँ मैं, बाल गीतायन, द्वारिकाप्रसाद माहेश्वरी रचनावली (3 खंडों में: संपादन: डॉ.ओम निश्चल, डॉ.विनोद माहेश्वर) | |
विविध | |
टैक्स्ट बुक:प्लानिंग एंड प्रिपेरेशन, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा बाल साहित्य भारती पुरस्कार से सम्मानित | |
जीवन परिचय | |
द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी / परिचय | |
कविता कोश पता | |
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कविता संग्रह
खंडकाव्य
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- वीर तुम बढ़े चलो / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- माँ! यह वसंत ऋतुराज री! / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- पुनः नया निर्माण करो / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- इतने ऊँचे उठो / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- उठो धरा के अमर सपूतो / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- मूलमंत्र / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- कौन सिखाता है चिडियों को / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- चंदा मामा, आ / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- हम सब सुमन एक उपवन के / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- यदि होता किन्नर नरेश मैं / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- उठो लाल अब आँखे खोलो / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- मैं सुमन हूँ / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- हम हैं / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- बिना सूई की घड़ियाँ / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी