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मौत या ख़ुशी / आन्ना अख़्मातवा
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यदि तुम मौत हो
तो काहे को कलपती हो
इस क़दर
और यदि हो ख़ुशी
तो भला
कहाँ होती है ख़ुशी ऐसी
(ताशकन्द, नवम्बर, 1942)
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : सुधीर सक्सेना