भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रिश्ते-2 / नवनीत पाण्डे

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:59, 26 अगस्त 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नवनीत पाण्डे |अनुवादक= |संग्रह=जै...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सुख कहाँ है ?
कौन सुख...
चैन ?
नहीं जानता...
शान्ति तो है न !

महाशय !

लगता है...
आपको किसी ने
गलत पता दिया हैं...
इधर
कभी कोई
सुख, चौन, शान्ति नहीं रहे

एक उम्र से
यहाँ सिर्फ मैं हूँ
सिर्फ मैं !
और मेरा अकेलापन...