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किताब / विश्वदेव शर्मा

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कैसी अचरज़ भरी किताब!
इसका कोई नहीं जवाब!
कविता और कहानी हैं-
तसवीरें लासानी हैं!
भूत-प्रेत है, नानी हैं,
कितने राजा रानी हैं!
कितनी बातें छपीं यहाँ पर
इसका कोई नहीं हिसाब।
कैसी अचरज भरी किताब,
इसका कोई नहीं जवाब!