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मशीन भी अलविदा कह रही है
बन्द वर्कशॉप में जम रहा है बीमार लोहा
और मज़दूरी ढकती जा रही है पर्दों के पीछे
उस प्रेम की तरह जिसे जवान मज़दूर अपने दिल में दबाए रखता है
इज़हार का वक़्त नहीं मिलता, उमंगें मिल जाती हैं मिट्टी में
उनके पेट जैसे लोहे के बने हैं
तेज़ाब से भरे हुए, सल्फ्यूरिक और नाइट्रिक
उद्योग उनके आँसू छीन रहा है गिरने से पहले ही
समय बहता जा रहा है,
कुहरा निगल रहा है चेहरों को
उत्पाद का वज़न इनकी उम्र से कहीं अधिक है
उदासी दिन-रात ओवरटाइम करती हुई
काम ख़त्म होने से पहले ही चक्कर खाकर गिर रही है
इस उछाल में छिल रही हैं चमड़ियाँ
और परत चढ़ती चली जा रही है एलम्युनियम की मिश्र धातु की
कुछ सह रहे हैं, जो बचे हैं बीमार होने पर निकाले जा रहे हैं
इन सभी के बीच ऊँघता हुआ मैं कर रहा हूँ रखवाली
युवावस्था के आख़िरी क़ब्रिस्तान की ।
मूल चीनी भाषा से अनुवाद : सौरभ राय