भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नानी / निरंकार देव सेवक
Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:23, 3 अक्टूबर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निरंकार देव सेवक |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
अम्माँ की नानी की नानी,
नानी की नानी की नानी।
गई कुएँ पर भरने पानी।
पानी में थी मछली कानी
बोली, ‘तुम क्यों आई रानी
कहाँ तुम्हारी मुन्नी रानी?’