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आहें भरके देखेंगे / कांतिमोहन 'सोज़'
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आहें भरके देखेंगे I
ये भी करके देखेंगे II
राह बहुत पुरपेच सही
फिर भी गुज़र के देखेंगे I
आज ब-ज़िद हैं ज़ख्मे-जिगर
तीर नज़र के देखेंगे I
नासेह चल वीराने में
आज सुधर के देखेंगे I
हद है तो ये हद ही सही देखेंगे I
हद से गुज़र के देखेंगे I
जश्न उधर होगा तो अबस
लोग इधर के देखेंगे I
बंद करो अफ़रा-तफ़री
सोज़ ठहर के देखेंगे II