Last modified on 7 अक्टूबर 2015, at 05:41

बोलो शादी हो कैसे / कृष्ण शलभ

Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:41, 7 अक्टूबर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कृष्ण शलभ |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBaalKa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दादी जी ओ दादी जी,
है गुड़िया की शादी जी!

कल गुड्डा एक आएगा,
गुड़िया को ले जाएगा।

संग बराती आएँगे,
खाना भी तो खाएँगे!

दादी दो कपड़े गहने,
जो मेरी गुड़िया पहने।

मेरे पास नहीं पैसे,
बोलो शादी हो कैसे?