मेरे जीवन से प्यार की 
एक-एक दूब चुन लो. 
महावर के पात और 
उबटन की हल्दी-केसर, 
अक्षत, चौमुखी और 
सातों भांवरों की गति.
मगर गीतों को न रोको
जो प्रत्येक रस्म के साथ 
गाये गए थे,
विशेषतः उन गीतों को 
जिनसे होकर किसी का कौमार्य 
संवाहित हुआ था और 
मुझे समर्पित हो गया था
और जिनसे होकर 
राग और कर्त्तव्य 
मेरे सम्मुख हुए थे.