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आदम की नींद / मुइसेर येनिया

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मेरी देह एक प्याली है मैं जिसमे अपने आँसू उड़ेलती हूँ
देखें कब तक कोई मेरा साथ नहीं देता

शब्द अभिव्यक्त नहीं कर सकते मेरी अनुभूति को
शब्द हुकूमत करते है मुझ पर

हर चीज़ की शुरुआत तर्क है
और अन्त वेदना

ओह लोग, जो एक स्वप्न से चलकर पृथ्वी पर आते हैं
यहाँ एक रेगिस्तान है
जहाँ दिखाई देती हैं रेत तरंगे

क्या अभी वह समय नहीं हुआ
कि जन्म दिया जाए मुझे
ताकि एक विकृत पसली का पृथ्वी पर आगमन हो

कौन पुरुष मुझे अपने शरीर से तोड़कर अलग करेगा ?