भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मध्यवर्ग की पीठ / राग तेलंग
Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:19, 19 दिसम्बर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राग तेलंग |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem>पहले...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
पहले वो खुष था
तो उसे देखकर
दूसरा दुखी था
अब दूसरा खुष हुआ
तो पहले के
दुखी होने की बारी आई
आपस में दुख बांटने की बात तो दूर
दोनों एक साथ
कभी खुष नहीं दिखे
जाने कब से
वे दोनों
एक-दूसरे की ओर
पीठ किए खड़े हैं।