भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रिश्ता है क्या / कमलेश द्विवेदी

Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:42, 25 दिसम्बर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कमलेश द्विवेदी |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरा-उसका रिश्ता है क्या.
कोई इसको समझा है क्या.

मुझसे तो बस इतना पूछो-
कोई उससे अच्छा है क्या.

जिससे-जिससे हम मिलते हैं,
उन सबसे दिल मिलता है क्या.

देखो उसकी आँखें देखो,
सागर उनसे गहरा है क्या.

तू इतना मुस्काता है क्यों,
तेरा भी दिल टूटा है क्या.