लेखक: वचनेश
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उपजेगी द्विजाति में रावण से मदनान्ध अघी नर-नारि-रखा।
रिपु होंगे सभी निज भाइयों के धन धान्यहिं छीने के आप-चखा।
यदि पास तलाक हुई तो सुनो हमने 'वचनेश` भविष्य लखा।
फिर होंगी नहीं यहाँ सीता सती मड़रायेंगी देश में सूपनखा।।
-(परिहास, पृ०-२८)वचनेश