भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

स्थगित सदन / प्रदीप मिश्र

Kavita Kosh से
Pradeepmishra (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:49, 2 जनवरी 2016 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


स्थगित सदन

किसी ने कहा देश में शिक्षा व्यवस्था
शुरू से गड़बड़ रही
आज़ादी के बाद किसी ने नहीं दिया ध्यान

किसी ने कहा देश में स्वास्थ्य
को लेकर कोई गम्भीर पहल नहीं हुई

किसी ने कहा देश में आज़ादी के बाद
सबसे पहले कृषि और स्त्रियों पर ध्यान देना चाहिए था

कोई चुप था
कुछ देर तक सोचता रहा फिर पूछा
कहाँ है देश ?

सदन को अगले सत्र तक के लिए
स्थगित कर दिया गया।