भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बीकानेर-8 / सुधीर सक्सेना

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:31, 25 मार्च 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधीर सक्सेना |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बीकानेर में
आकाश उजला है
बादल भी उजले
सपने भी उजले हैं
बीकानेर के
बीकानेर में मालिनें चुनती हैं
उजले उजले फूल

बीकानेर के लिए डर है
बीकानेर का उजलापन।