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तारीख़ नहीं बताएँगे / उमा शंकर सिंह परमार

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दंगे रोज़ कराएँगे
सड़कें नहीं बनाएँगे
बिजली नही लगाएँगे
जनता को धकियाएँगे
राम लला हम आएँगे
मन्दिर वहीं बनाएँगे
बस, तारीख़ नही बताएँगे