Last modified on 23 मई 2016, at 03:16

कठिन अछि ने कम ई हाटो उसारब। / धीरेन्द्र

सशुल्क योगदानकर्ता ३ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:16, 23 मई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धीरेन्द्र |संग्रह=करूणा भरल ई गीत...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कठिन अछि ने कम ई हाटो उसारब।
पसारल ओना लऽ बहुत स्वप्न मनमे,
व्यष्टिक जो चिन्तन बनल धन समष्टिक।
चलल हाट अछि ई आ बिक्री ने कम अछि
नामी ने कम ई खिरल नाम सागरो।
नामे एकर भेल जेना आइ दुश्मन,
अकारण बनल शत्रु एकरा बिगाड़य।
हटाबय जँ चाही मानय ने लोके,
सिनेहक ई फानी बनल अछि समस्या।
बनायबकोनो वस्तु ओना नहि कठिन कम,
कठिन अछि ने कम ई रंगलकें धोखारब।
कठिन अछि ने कम ई हाटो उसारब।