Last modified on 6 जून 2016, at 04:18

बहन का घर / प्रेमरंजन अनिमेष

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:18, 6 जून 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेमरंजन अनिमेष |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रास्‍ते में पड़ता है
घर बहन का

पर गुज़र जाते
अकसर उधर से
इसी तरह
चुपचाप
मिले बिना
बगैर ख़बर किए

अपना
या दुनिया का
कोई काम देखते

बहनें हमारे रास्‍ते में
नहीं आतीं