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नानी / मृदुला शुक्ला

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नानी तेॅ बस नानी छै
जे रं एक कहानी छै,
हेनोॅ परी केॅ ढूँढ़ी लानै
जेकरोॅ चूनर-धानी छै।
नींद नै जखनी हमरा आबै
आबी हुनी सुताबै छै
कथा कहानी-नया-पुरानोॅ
हमरा बड़ी सुनाबै छै
नानी रोॅ ई पोथी में
सुन्दर-सुन्दर रानी छै
नानी तेॅ बस नानी छै।

अल्ली बाबा, चालीस चोर
बिज्जी, साँपो, कौआ, मोर
रंग-बिरंगा दुनियाँ ढेर
देखौ जन्नो कोय्यो बेर
उड़ै सरंग तांय घोड़ो सब
अजगुत अजब कहानी छै
नानी तेॅ बस नानी छै।