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नेता- आयोजन / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
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भाय-भाय छै
खूनोॅ रोॅ पियासलोॅ
यहै समाज ।
बात बनावै
सबकेॅ दिलाशा दै
आयकोॅ नेता ।
अपहरण
सीता के होलोॅ छेलै
रावण-वध ।
भाईचारा के
हिन्दू-मुसलमान
संबंध हुएॅ ।
चादर तानी
शासक सुतलोॅ छै
सर्वत्रा भय ।