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जबसेॅ दिल पेॅ भेलै वार / महादेव ठाकुर
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जबसेॅ दिल पेॅ भेलै वार
जीना भेॅ गेलै दुश्वार
जनकल्यान के नामोॅ पेॅ
पैसे के छै कारोबार
चोर-सिपाही साझेदार
आम बात छै आबेॅ यार
सच पेॅ बड्डी पेहरा छै
झूठोॅ केॅ सब्भेॅ अधिकार
फिल्मी शोर के आगू मेॅ
गीत-गजल सबटा लाचार