Last modified on 28 फ़रवरी 2008, at 10:30

उन्नत पेड़ पलाश के / केदारनाथ अग्रवाल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:30, 28 फ़रवरी 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=फूल नहीं रंग बोलते हैं / केदा...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

उन्नत पेड़ पलाश के

ढाल लिए रण में खड़े,

सम्मुख लड़ते सूर्य से

बाँह बली ऊपर किए

दुर्दिन में रह कर हरे,

छाँह घनी भू पर किए ।