गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 28 फ़रवरी 2008, at 11:05
क्षण के संरक्षण के सनकी / केदारनाथ अग्रवाल
अनिल जनविजय
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 11:05, 28 फ़रवरी 2008 का अवतरण
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=फूल नहीं रंग बोलते हैं / केदा...)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
केदारनाथ अग्रवाल
»
फूल नहीं रंग बोलते हैं
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
क्षण के संरक्षण के सनकी
नहीं देखते आगे पीछे
रहते हैं क्षण की छतुरी के नीचे
कण का जीवन जी के
गण के रण से आँखें मीचे ।