गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 20 मार्च 2008, at 00:58
डूबती आँखों से... / केदारनाथ अग्रवाल
अनिल जनविजय
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 00:58, 20 मार्च 2008 का अवतरण
(new)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
केदारनाथ अग्रवाल
»
फूल नहीं रंग बोलते हैं
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
डूबती आँखों से बह रहा है पानी--
निराधार पानी
कोई देवता है विकल
जो भीतर रो रहा है
आदमी को देख कर मरणासन्न...