Last modified on 20 मार्च 2008, at 01:19

अजीब बात है... / केदारनाथ अग्रवाल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:19, 20 मार्च 2008 का अवतरण (new)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अजीब बात है कि कुत्ते उस पर भूँकते हैं

और आदमी उस पर थूकते हैं

और एक ही वह

कि उसी रास्ते चलता चला जा रहा है बेख़बर !