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प्रीत के पाती / नवीन निकुंज

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प्रीत के पाती लिखलकै जे राधा रानी
भींजी गेलै मोहना के कोर ।

लागै छै कदम्ब सूनोॅ
लागै वृन्दावनो सूनोॅ
मारै छै यमुना हिलोर ।

कानै छै कोयलिया
कानै छै मुरलिया
सुक्खी गेलै मेघोॅ केरोॅ ठोर ।

बनी जैवै सोन नदी
मोॅन आवै अरबदी
बही जैवै तोहरे ही ओर ।

तोरे हाथें हम्मेॅ खैली
हाथ मेॅ छै वहेॅ थाली
उठै नै छै एकोटा भी कोर ।
प्रीत के पाती लिखलकै जे राधा रानी
भींजी गेलै मोहना के कोर ।