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कोई कहानी सुनाओ / आरती मिश्रा

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तुमने कहा - फ़ाख़्ते का बच्चा
और मैं नन्हें नन्हें पैरों पर फुदकने लगी
गौरैया का बच्चा कहा जब
मैं उड़ने लगी

हिरन का बच्चा कहा तो सचमुच
कुलाचें भरकर उस छोटी टेकरी पर जा चढ़ी
और लाल आँखों वाला खरगोश तो बार-बार कहते हो
मैं हर बार, कोमल श्वेत रोओं का स्पर्श महसूस लेती हूँ
तुमने मुझे बच्चे में परिवर्तित कर दिया है


मैं अब ज़िद करना चाहती हूँ
‘कोई कहानी सुनाओ न’
रानी परी तोता मैना कोई भी चलेगी
मैं तो बस
तुम्हारी गोद में सिर रखकर
गहरी नींद सोना चाहती हूँ