Last modified on 13 सितम्बर 2016, at 22:11

तस्वीर बन गई / आरती मिश्रा

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:11, 13 सितम्बर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आरती मिश्रा |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैंने कुछ कहना चाहा
बरबस तुम्हारा नाम आया

मैं सुनना चाहती थी कोई गीत
बोल तुम्हारे कानों में खनखनाने लगे

रात दो बजे मैं जाग रही हूँ
कविता लिखने की कोशिश करती

मेरी क़लम चलती रही
तुम्हारी तस्वीर बन गई