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हो भैया / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'

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आजादी के उत्सव मनाबोॅ हो भैया।
तिरंगा के रंग मेॅ रंगाबाॅे हो भैया।

दुष्मन के अच्छा नैं झलकै रबैया
इ सुतलोॅ षहर केॅ जगाबोॅ हो भैया।

जों लहरै तिरंगा तेॅ, उमड़ै छै गंगा
ई गंगा के महिमा सुनाबोॅ हो भैया।

धरती लेली पानी, पानी, लेली बादल
बादल लेली पौधा, लगाबोॅ हो भैया।

हो नेता, भगत सिंह, खुदीराम, जैसन
घर-घर मेॅ फौलादी बनाबोॅ हो भैया।