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सपनों की प्रशंसा में / विस्साव शिम्बोर्स्का

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सपनों में तो मैं
वेरमीर वान डेल्फ़्ट जैसी चित्रकार हो जाती हूँ।

मैं धाराप्रवाह ग्रीक बोलती हूँ
और सिर्फ़ जीवित लोगों से ही नहीं।

मेरी कार
मेरा कहना मानती है।

प्रतिभा मुझमें प्रवेश करती है,
और मैं लिखने लगती हूँ लम्बी लम्बी महान कविताएँ।

मुझे सुनाई देती हैं आवाज़ें
सिर्फ़ आला दरजे के सन्तों और महर्षियों की।

पियानो पर मेरी महारत देखकर
आप हैरान रह जाएँगे।

मैं हवा में तैरने लगती हूँ, बाक़ायदा,
यानी, अपने आप से।

छत से गिरती हूँ
तो धीरे-धीरे नर्म हरी घास पर।

पानी के अन्दर साँस लेने में
मुझे कोई दिक़्क़त नहीं होती।

मैंने अतलांतिस खोज लिया है –
अब इससे आगे और क्या चाहिए!

मुझे ख़ुशी है कि मरने से पहले
हड़बड़ाकर हमेशा जाग जाती हूँ।

जंग शुरू होते ही
अपनी पसंद का पक्ष चुनकर उसकी तरफ़दारी करने लगती हूँ।

मैं हूँ हालाँकि नहीं भी हो सकती थी
अपने समय की सन्तान।

कुछ बरस पहले मैंने
दो सूरज देखे थे।

और परसों ही देखा एक पेंगुइन को
बिल्कुल साफ़ साफ़।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : असद ज़ैदी