भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हास / एरिष फ़्रीड / प्रतिभा उपाध्याय

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:32, 12 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एरिष फ़्रीड |अनुवादक=प्रतिभा उपा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जो गाना चाहता था
चाहता है अब केवल बोलना
 
जो बोलना चाहता था
चाहता है अब केवल शिकायत करना

जो शिकायत करना चाहता था
चाहता है अब केवल रोना

जो रोना चाहता था
चाहता है अब केवल सोना

जो सोना चाहता था
चाहता है अब केवल मरना

जो मरना चाहता था
चाहता है अब केवल
इनमें से एक को
अपने साथ ले जाना I

मूल जर्मन से अनुवाद : प्रतिभा उपाध्याय