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बूढ़ा माली / मनमोहन

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बूढ़ा माली गाता है
ये जो पत्ते गाते हैं
बूढ़ा माली हँसता है
ये क्यारियाँ जो खिलखिलाती हैं

मिट्टी की नालियों में
बहुत दूर से
पानी बनकर आता है
बूढ़ा माली