हवा के हाथ और होंठ
जल का हृदय
यूकेलिप्टस
शरण-स्थली बादलों की
जीवन जो प्रतिदिन होता पैदा
मृत्यु जो हर जीवन में होती
मैं मलता हूँ अपनी आँखें :
आकाश ज़मीन पर उतरता है
अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’
हवा के हाथ और होंठ
जल का हृदय
यूकेलिप्टस
शरण-स्थली बादलों की
जीवन जो प्रतिदिन होता पैदा
मृत्यु जो हर जीवन में होती
मैं मलता हूँ अपनी आँखें :
आकाश ज़मीन पर उतरता है
अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’