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साथ जबसे तुम्हारा मिला / अभिषेक कुमार अम्बर

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साथ जबसे तुम्हारा मिला
सारी दुनिया बदल सी गई।
प्रेम का पुष्प जब से खिला
सारी दुनिया बदल सी गई।

बदला बदला सा मौसम यहां
बदली बदली फिजायें यहां।
पेड़ पौधे सभी झूम कर
प्रेम के गीत गायें यहां।
मन में जबसे ये तूफां उठा
सारी दुनिया बदल सी गई,
प्रेम का पुष्प जबसे खिला
सारी दुनिया बदल सी गई।

गुल खिले मन में गुलशन खिले
आप जबसे हमें हो मिले।
आप से महका आँगन मेरा
भूल बैठे सभी हम गिले।
सर पे छाया अजब सा नशा
सारी दुनिया बदल सी गई,
प्रेम का पुष्प जबसे खिला
सारी दुनिया बदल सी गई।

चाँद तारों में देखूं तुझे
सब नज़ारों में देखूं तुझे।
आइना सामने राखकर
अपनी आँखों में देखूं तुझे।
जबसे दिल ये दीवाना हुआ
सारी दुनिया बदल सी गई,
प्रेम का पुष्प जबसे खिला
सारी दुनिया बदल सी गई।