लौ लगाती गीत गाती,
दीप हूँ मैँ, प्रीत बाती
नयनोँ की कामना,
प्राणोँ की भावना
पूजा की ज्योति बन कर,
चरणोँ मेँ मुस्कुराती
आशा की पाँखुरी,
श्वासोँ की बाँसुरी,
थाली ह्र्दय की ले,
नित आरती सजाती
कुमकुम प्रसाद है,
प्रभु धन्यवाद है
हर घर में हर सुहागन,
मंगल रहे मनाती