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कविता के विरुद्ध / योगेंद्र कृष्णा

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अनुक्रम 1 कविता के विरुद्ध 2 खाली आदमी और खाली चीज़ें 3 कोई भी ऐश्वर्य 4 हत्यारे जब मसीहा होते हैं 5 हत्यारे जब गांधी होते हैं 6 समांतर आभासी दुनिया 7 इस कठिन दौर में 8 चाय के बहाने 9 भूख और नींद 10 जीने का सामान 11 केवल कुछ शब्द 12 धुंध 13 नदियां जो कहती हैं 14 यायावर 15 लौटना है हमें 16 सभ्यता का आतंक 17 जंगल और पहाड़ होना चाहता हूं 18 बंद होती खिड़कियां 19 खाली जगहें 20 खिड़की के उस पार 21 सुख की ये चिन्दियां 22 रौशनी का रुखसत होना 23 और भी है घास 24 पृथ्वी का आकाश 25 शब्दों की कारीगरी 26 शायद पता हो मधुमक्खियों को 27 उजाले से डर जाओगे 28 रीढ़ 29 चुप्पियां जब बोलती हैं 30 अगर तुम 31 हवाओं पर सवार 32 श्मशान में मां 33 सहगामिनी परछाइयां 34 देह से गुजरती हुई 35 शेष रह गया हूं 36 छूट गया वहां वहां 37 होने न होने के बीच 38 कैसी यह रात है 39 मुर्दा पाया गया हूं 40 जब भी मिले 41 मैं ढूंढता रहा 42 सच का ओर-छोर 43 पता होता है परिंदों को 44 ग़ैब की भाषा 45 मेरे हिस्से की दोपहर 46 ठिठक जाता हूं 47 निष्कंप धरती का विश्वास 48 निर्विकल्प खामोशियां 49 दफ़्तर से विदाई 50 जीत सकता हूं मैं 51 सच का मंज़र 52 अतिक्रमण 53 अंधेरी मेहराबें 54 तुम्हारा होना