भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

क्या हो गया कबीरों को / शेरजंग गर्ग

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:12, 23 फ़रवरी 2017 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

क्या हो गया कबीरों को
Kya-ho-gaya-kabiron-ko-kavitakosh.jpg
रचनाकार शेरजंग गर्ग
प्रकाशक मेधा बुक्स, नवीन शाहदरा, दिल्ली - 110032
वर्ष 2003
भाषा हिन्दी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 80
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ