सर्वोच्च शब्द, मनोरम अन्तरिक्ष-सा,
सुन्दर, ताकि उचित समय से युद्ध
और उसके नरसंहार के दाग़ पूरी तरह से मिट जाएँ,
ताकि मृत्यु और रात्रि दोनों बहनों के हाथ
पुन: निरन्तर मृदुलता से इस मलिन पृथ्वी के
तन का प्रक्षालन करें,
क्योंकि मेरा शत्रु अब नहीं रहा,
मुझ-सा ही दिव्य एक पुरुष अब नहीं रहा,
मैं वहाँ देखता हूँ जहाँ वह विवर्ण मुख,
निश्चल, ताबूत में पड़ा सोया है,
निकट चला जाता हूँ,
नीचे झुकता हूँ
और अपने अधरों से
ताबूत में दीखते उस धवल मुख का
मैं मृदुल चुम्बन करता हूँ।
1865-66
अंग्रेज़ी से अनुवाद : चन्द्रबली सिंह